NEWS FROM UTTRAKHAND: जन्मदिवस पर कांग्रेसजनों ने स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा को किया याद
On the death anniversary of Late Hemwanti Nandan Bahuguna the congress party has remember her
देश के महान नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं अविभाजित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय हेमवती नन्दन बहुगुणा के 106वें जन्म दिवस पर पूर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचन्द शर्मा सहित वरिष्ठ कांग्रेसजनों ने आज घंटाघर स्थित स्वर्गीय हेमवती नन्दन बहुगुणा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा कि गढ़वाल के एक छोटे से गांव बुधाणी में सामान्य परिवार में जन्में हेमवती नन्दन बहुगुणा ने जिस प्रकार से गढ़वाल से इलाहाबाद तक की शैक्षणिक यात्रा, छात्र राजनीति, स्वतंत्रता संग्राम और फिर देश की आजादी के बाद उत्तर प्रदेश के विधायक से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, भारत सरकार के संचार मंत्री से लेकर वित्त मंत्री और लम्बे समय तक विपक्ष के नेता के रूप में देश को नेतृत्व दिया।
उन्होंने कहा कि जीवनभर जिस विचारधारा पर चले तथा कभी उन पर समझौता नहीं किया उससे उन्होंने देश की भावी पीढ़ियों को धर्मनिरपेक्षता की ठोस विचारधारा विरासत में दी और देश में वैचारिक कीर्तिमान स्थिापित किये। इस अवसर पर राजपुर रोड विधानसभा के पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि हेमवती नन्दन बहुगुणा व्यक्ति नहीं बल्कि विचाधारा थे। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा ने अपने पूरे जीवन में कभी सिद्धांतों एवं विचारधारा की कीमत पर समझौता नहीं किया।
उन्होंने हमेशा कहा कि हिमालय टूट सकता है पर झुक नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय हेमवती बहुगुणा के ऊपर अंग्रेज सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दस हजार जिन्दा या मुर्दा इनाम रखा था और जब वे गिरफ्तार हुए तो माफी मांगने की शर्त पर अंग्रेज सरकार ने उनको छोडने की पेशकश उनके पिता के माध्यम से की थी किन्तु बहुगुणा ने माफी मांगने से साफ मना कर दिया था।
उन्होंने कहा कि ऐसे अडिग और विलक्षण प्रतिभा के धनी स्वर्गीय हेमवती नन्दन बहुगुणा थे और इसीलिए उन्हें हिमालय पुत्र कहा जाता है। सइ अवसर पर अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार, सुनील कुमार बांगा, सोम प्रकाश बाल्मीकि, वीरेन्द्र बिष्ट, प्रकाश नेगी, आशु, अर्जुन सोनकर, राजेन्द्र सिंह घई, दिनेश गुप्ता, मोनू, बिल्ला सोनकर, गुलशन सिंह आदि पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्रमुख रूप से शामिल रहे।