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NEWS FROM UTTRAKHAND: निजी अस्पतालों को देनी होगी आरटीआई में जानकारी

NEWS FROM UTTRAKHAND: निजी अस्पतालों को देनी होगी आरटीआई में जानकारी

NEWS FROM UTTRAKHAND: निजी अस्पतालों को देनी होगी आरटीआई में जानकारी

 The private hospitals has given information to the RTI

निजी अस्पताल सिर्फ यह कहकर नहीं बच सकते हैं कि वह सूचना का अधिकार (आरटीआई) एक्ट के दायरे में नहीं आते हैं। उनके यहां लोक सूचना अधिकारी नामित नहीं किए जाते हैं। अब निजी अस्पतालों को भी सूचना देनी होगी। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने वेलमेड अस्पताल से जुड़ी अपील पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि निजी अस्पतालों से कैसे सूचना मांगी जा सकती है। हालांकि, अस्पतालों से सूचना राज्य सरकार के उन पर नियंत्रण की सीमा तक ही मांगी जा सकती है। गौर करने वाली बात यह भी है कि पहली बार किसी निजी अस्पताल को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना को उपलब्ध कराने के लिए बाध्यकारी माना गया है। इसी आलोक में यह व्यवस्था अब सभी निजी अस्पतालों पर लागू हो सकेगी।दरअसल, जीएमएस रोड के महादेव विहार निवासी अरुण कुमार गोयल ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से वेलमेड अस्पताल में कराए गए अपने उपचार से संबंधित सूचना मांगी थी। 02 बिंदु पर स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अरुण कुमार को सूचना प्रदान कर दी, जबकि 01 बिंदु के लिए पत्र वेलमेड अस्पताल को भेजा गया। लेकिन, अस्पताल प्रशासन ने यह कहते हुए सूचना देने से इंकार कर दिया कि वह सरकार से किसी तरह की ग्रांट प्रदान नहीं करते हैं। ऐसे में उन पर सूचना का अधिकार अधिनियम लागू नहीं होता है।अस्पताल की ओर से सूचना देने से इन्कार करने के बाद अरुण कुमार ने सूचना आयोग में अपील दायर की। अपील पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने पाया कि प्रदेश में निजी अस्पतालों का संचालन द क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट्स (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट 2010 और 2013 में लागू किए गए नियमों के अनुसार किया जाता है। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी की प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित डॉ वंदना सेमवाल ने बताया कि एक्ट और नियमों के तहत अस्पतालों को उपचारित मरीजों के चिकित्सा अभिलेख और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संदर्भ में स्वास्थ्य सांख्यिकी को जानकारी जिला प्राधिकरण को भेजनी होती है। एक्ट में चिकित्सा अभिलेखों के रखरखाव की भी व्यवस्था है।